आज दुनियाभर में वर्ल्ड अल्जाइमर डे मनाया जा रहा है। यह बीमारी आमतौर पर बुजुर्गों में होती है। अल्जाइमर मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली घातक बीमारी है। एक बार हो जाने पर यह कई समस्याओं का कारण बन सकती है। इस बीमारी को कुछ दवाओं से कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन ठीक नहीं किया जा सकता।
अल्जाइमर के मरीज शुरुआत में तुरंत की घटनाओं को भूलने लगते हैं । मानसिक रूप से अस्वस्थ रहने के कारण मरीज कीसी काम को करने में असमर्थ हो जाता है। यहां तक कि मरीज को भाषा का उपयोग करने या समझने में भी कठिनाई होती है।
इस बीमारी में मरीज की याददाश्त कमजोर हो जाती है और दिमागी हालत ठीक नहीं होने कारण काम करने की क्षमता कम हो जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, अल्जाइमर का खतरा 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में ज्यादा होता है। डॉक्टरों का कहना है कि इस न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी के लक्षण समय के साथ बढ़ते जाते हैं। दुनियाभर में लगभग 24 मिलियन लोग अल्जाइमर की चपेट में हैं।
अल्जाइमर के शुरुआती लक्षण
कुछ लक्षणों को देखकर आप इस बीमारी का पता कर सकते हैं। हालांकि मरीजों में इस बीमारी के लक्षण अलग-अलग भी हो सकते हैं।
याददाश्त में कमी
अपनी भाषा को बोलने या समझने में दिक्कत होना
काम करने में कठिनाई
तर्क-वितर्क करने की क्षमता कम होना
व्यवहार में बदलाव
किसी भी चीज को गलत जगह पर रखना
समय और स्थान के साथ भ्रमित होना
निर्णय न ले पाना
सामाजिक गतिविधियों से दूर होना
अल्जाइमर एसोसिएशन के अनुसार इस बीमारी के कई लक्षण होते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, अल्जाइमर के दो मरीज एक तरह का अनुभव नहीं कर सकते हैं।