रायपुर। निम्न मध्यम वर्ग की प्रतिभाशाली छात्रा और सीजी बोर्ड में 12वीं कक्षा की मेरीटोरियस मुस्कान सिंह का नाम सम्मान के लिए जैसे ही लिया गया, महाराष्ट्र मंडल का पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। मुस्कान ने मंच पर आकर मुख्य अतिथि संजय नाईक, विशेष अतिथि राजेंद्र बोरकर, मंडल अध्यक्ष अजय काले, सचिव चेतन दंडवते के हाथों से जब सूत माला व लाल गुलाब के साथ मेडल, प्रमाण पत्र स्वीकार किया, तब तक लोगों की तालियां बजती रही।
चौबे कॉलोनी स्थित महाराष्ट्र मंडल में विद्यार्थी सम्मान समारोह के अवसर पर रविवार को दोपहर यह मनोरम दृश्य देखा गया। इसके बाद 12वीं बोर्ड में प्रवीण्य सूची में स्थान बनाने वाले कुंदन बियानी का भी इतनी ही आत्मीयता से सभी ने अभिनंदन किया। नीट में अभूतपूर्व सफलता हासिल करने वाले क्षितिज सागर हेलोडे को भी जोशीले माहौल में सम्मानित किया गया। तीनों ही प्रतिभाशाली बच्चों ने मंच पर अपनी सफलता के पीछे के संघर्ष को बयां किया, ताकि कामयाबी की उनकी कहानी बार-बार दोहराई जा सके।
तत्पश्चात चार वर्गों भालेराव सम्मान, विद्यार्थी सम्मान, गौरव अलंकरण सम्मान व वरिष्ठजन सम्मान में 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में अभूतपूर्व अंक हासिल करने वाले कुशाग्र बुद्धि के बच्चों, विभिन्न क्षेत्रों में कीर्तिमान गढ़ने वाले अनेकानेक प्रतिभाओं को भी मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया। इस बीच दिव्यांग बालिका विकास गृह की कमलेश्वरी साहू को उनके 12वीं बोर्ड में 83 फीसदी से अधिक अंकों के लिए सम्मानित करने के लिए आमंत्रित तो किया, लेकिन अतिथिगण स्वयं मंच से नीचे आकर दिव्यांग कमलेश्वरी को मेडल प्रमाण पत्र सौंपा। इस बीच समाजसेवा की नई परिभाषा गढ़ने वाली पद्मजा लाड भी सम्मानित की गईं।
इससे पहले मुख्य अतिथि की आसंदी से संजय नाईक ने कहा कि जीवन में इंसान को हमेशा सीखते रहना चाहिए, चाहे वह सीख कहीं से भी मिले। उन्होंने कोरोना काल की आपदा को सीख का अवसर बताते हुए कहा कि जीवन में ऐसे कई मोड़ आते हैं, जहां पर इंसान खुद को मुसीबतों से घिरा हुआ महसूस करता है, पर यदि वह चाहे तो अपने रास्ते को ज्यादा आसान बना सकता है। बस उसके लिए उस सोच की आवश्यकता होती, जो सही राह दिखा सके।
विशिष्ट अतिथि विधानसभा के रिटायर्ड अफसर राजेन्द्र बोरकर ने कहा कि हर सम्मान इंसान की तरक्की के नए सोपान तैयार करता है, पर सम्मान का हकदार हर कोई नहीं होता, बल्कि जो होता है, सम्मान भी उसी को मिलता है। उन्होंने सम्मान समारोह के लिए नामजद सभी लोगों को एक उदाहरण बताते हुए कहा कि उन्होंने भी वैसी ही मेहनत की थी, जिसका परिणाम उन्हें सम्मान के तौर पर मिल रहा है।
मंडल के अध्यक्ष अजय काले ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि महाराष्ट्र मंडल महज एक सामाजिक संस्थान नहीं, बल्कि एक ‘मिशन’ है। बीते 40 वर्षों में महाराष्ट्र मंडल ने मिशन के तहत काम किया है, जिसकी वजह से आज इस संस्थान ने अपनी पहचान और मिसाल पेश की। आप इस संस्था के सदस्य हैं, मतलब आप भी समाजसेवा कर रहे हैं। यहां पर मानव सेवा के अनेक अवसर हैं, बशर्ते आप स्वस्फूर्त सामने आएं और समाजसेवा के क्षेत्र में अपनी भूमिका सुनिश्चित करें।
मंडल के सचिव चेतन दंडवते ने संस्कृति व संस्कार विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहा की हमें अपनी संस्कृति से सदैव जुड़े रहना है। हमें जो संस्कार अपने माता- पिता व बुजुर्गों से मिले हैं, वही हमें अपनी भावी पीढ़ी को ट्रांसफर करना है। तभी हमारा समाज परस्पर आगे बढ़ सकता है।
कार्यक्रम के शुरुआत में महाराष्ट्र मंडल के नए सदस्यों ने अपना परिचय दिया। अनेक सदस्यों ने अध्यक्ष काले के संबोधन से प्रभावित होकर बताया कि महाराष्ट्र मंडल के माध्यम से वे किन क्षेत्रों व विधाओं में जरूरतमंदों की मदद कर, मार्गदर्शन कर समाजसेवा कर सकते हैं।
मंच का संचालन कला संस्कृति समिति की प्रभारी भारती पलसोदकर और पर्यावरण समिति के प्रभारी अभय भागवतकर ने किया। आभार प्रदर्शन परितोष डोनगांवकर ने किया।