लोरमी। (ASKCG) छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में बसे अचानकमार टाइगर रिज़र्व क्षेत्र के 13 वनग्राम, जहां वर्षो से अंधेरा ही जीवन का हिस्सा बन चुका था, अब उजाले की नई सुबह का अनुभव कर रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन तिहार पहल और उप मुख्यमंत्री अरुण साव के निर्देश पर इन गांवों में सौर ऊर्जा आधारित बैटरी बैंक के माध्यम से रात्रिकालीन रोशनी बहाल की जा रही है।
जंगल के गांवों में अब उजाले की वापसी
इन गांवों में पहले भी सौर ऊर्जा से रोशनी की व्यवस्था थी, लेकिन समय के साथ बैटरियों की क्षमता जवाब दे गई थी। परिणामस्वरूप ग्रामीण वर्षों से अंधेरे में रहने को मजबूर थे। खासकर रात में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। अब एक बार फिर इन गांवों में रोशनी लौट आई है।
समाधान शिविर में उठी थी आवाज, सीएम ने लिया संज्ञान
सुशासन तिहार के तहत जब बिजराकछार गांव में समाधान शिविर लगा, तब ग्रामीणों ने रात में रोशनी की अनुपलब्धता को सबसे बड़ी समस्या के रूप में सामने रखा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस समस्या को तत्काल संज्ञान में लिया और छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण (क्रेडा) को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव की सक्रियता से काम में आई तेजी
लोरमी विधायक एवं उप मुख्यमंत्री अरुण साव शिविर में मौजूद थे। उन्होंने ग्रामीणों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए मौके पर ही बैटरी बैंक की व्यवस्था के आदेश दिए। उन्होंने कहा, “अंधेरे में जी रहे वनवासी भाई-बहनों के जीवन में उजियारा लाना ही असली सुशासन है।”
क्रेडा अध्यक्ष और सीईओ की नेतृत्वकारी भूमिका
इस कार्य को तेज गति से पूरा करने में क्रेडा अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी और सीईओ राजेश सिंह राणा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। सवन्नी ने कार्यभार संभालते ही इसे अपनी प्राथमिकता में रखा और लगातार निगरानी की। वहीं सीईओ राणा ने तकनीकी पहलुओं से लेकर बैटरियों की सप्लाई और इंस्टॉलेशन तक पूरे अभियान को कुशलता से अंजाम दिया।
उजाले की शुरुआत, बैटरी सप्लाई वाहनों को दिखाई हरी झंडी
शनिवार को लोरमी में आयोजित कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बैटरी बैंक ले जा रहे वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये वाहन उन गांवों तक बैटरियां पहुंचाएंगे, जहां सड़कें नहीं हैं। वहां क्रेडा की टीमें पैदल या छोटे वाहनों से बैटरियों को गांवों तक पहुंचा रही हैं।
स्वच्छ ऊर्जा से रौशनी, सुरक्षा और भरोसा
जो बैटरी बैंक लगाए जा रहे हैं, वे पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित हैं और टिकाऊ भी हैं। ये रातभर रोशनी दे सकते हैं। इससे खासकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा बढ़ी है।
ग्रामीण बोले- अब अंधेरे से डर नहीं लगता
बिजराकछार के ग्रामीणों ने कहा, “बरसों बाद ऐसा महसूस हुआ कि सरकार ने हमारी बात सुनी। अब अंधेरा डराता नहीं है। बच्चे रात में पढ़ाई कर पा रहे हैं और गांव में एक नई ऊर्जा महसूस हो रही है।”



