रायपुर। दशवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी में इस वर्ष के थीम ‘स्वयं और समाज के लिए योग ’ पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन एवं महर्षि पतंजलि के स्तुति से हुआ।
अपने स्वागत उद्बोधन में प्रति-कुलाधिपति हर्ष गौतम ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि योग से एकतरफ शरीर लचीला होता है तो दूसरी तरफ मन भी सुदृढ़ होता है। योग हमे अपने काम के प्रति मन को एकाग्रचित करना सिखाता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, स्वामी प्रपत्यानंद (प्रतिनिधि रामकृष्ण मिशन, विवेकानंद आश्रम रायपुर) ने अपने संबोधन में कहा कि योग लौकिक और पारलौकिक दोनों जीवन में सुख-शांति प्रदान करता है। इससे शरीर स्वच्छ और सबल बनता है। इसके अभ्यास से न सिर्फ बुद्धि परिष्कृत होती है बल्कि योग अन्तःशक्ति को जानने का अवसर भी प्रदान करता है। योग एकाग्रता प्राप्त करने और मन को नियंत्रित करने का प्रबल माध्यम है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति रविशंकर महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि जिस प्रकार शरीर के लिए भोजन आवश्यक है उसी प्रकार प्रत्येक प्राणी के लिए योग आवश्यक है। योग न केवल चित्त को शुद्ध करता है बल्कि यह व्यक्ति के मानसिक शक्ति को भी जागृत करता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को योग का अध्ययन और अभ्यास अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि योग पूर्णतः वैज्ञानिक पद्धति है जिसे अपनाने के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं है। योग करने से विद्यार्थियों की धारण शक्ति भी बढ़ती है।
आभार उद्बोधन में कुलसचिव डॉ. सौरभ कुमार शर्मा ने कहा कि योग दिवस जीवन में योग को अपनाने के लिए संकल्प लेने का दिन है। योग स्वयं को समाज से जोड़ने का भाव देता है। जैसे भोजन में रोज नमक का उपयोग करते हैं वैसे ही प्रतिदिन लोगों को थोड़ा बहुत योग का अभ्यास अवश्य करना चाहिए।
कार्यक्रम में योग विभाग के सहायक आचार्य डॉ. परमानन्द साहू एवं आशीष धर दीवान द्वारा उपस्थित विद्यार्थियों, पदाधिकारियों एवं आचार्यों को आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्देशित सामान्य योग प्रोटोकॉल का अभ्यास कराया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राधिका चंद्राकर ने किया।