रायपुर (ASKCG)। राजधानी में शुक्रवार को तृतीय राष्ट्रीय सतत ऊर्जा सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ राज्य को ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए एनर्जी ट्रांजिशन, विद्युत उत्पादन, वितरण और स्मार्ट तकनीकों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही ऊर्जा क्षेत्र में अपनाए जा रहे प्रभावी उपायों, निवेश, चुनौतियों और अवसरों पर भी विचार हुआ। सम्मेलन की शुरुआत छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार कटियार के स्वागत संबोधन से हुई। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह ने कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया।
इस कार्यक्रम में क्रेडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश सिंह राणा ने राज्य की एनर्जी ट्रांजिशन योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई पंचामृत योजना के तहत वर्ष 2030 तक राज्य में 7.57 गीगावॉट और देश में 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही 2070 तक नेट जीरो के महत्व पर भी सीईओ ने चर्चा की। उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा एनर्जी ट्रांजिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
राजेश सिंह राणा ने आगामी चार वर्षों में इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य में विभिन्न सौर ऊर्जा योजनाओं के संचालन की जानकारी दी। इनमें शासकीय भवनों, व्यावसायिक भवनों और प्रधानमंत्री आवासों में सोलर ऊर्जा की स्थापना, पुराने कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से संचालित करना, सौर सामुदायिक सिचाई योजना, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सौर ऊर्जा द्वारा संचालित चार्जिंग स्टेशन, प्रधानमंत्री मॉडल विलेज योजना का क्रियान्वयन और सोलर रूफ टॉप शामिल हैं। साथ ही, उन्होंने राज्य में ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों और छत्तीसगढ़ की मजबूत औद्योगिक नीतियों के बारे में बताया, जो एनर्जी ट्रांजिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होंगी।
इस कार्यक्रम में भीम सिंह कवर, प्रबंध निदेशक (CSPDCL), एस.पी. शुक्ला, सचिव (CSRC), राजेश कुमार शुक्ला, प्रबंध निदेशक (CSPTCL) और अन्य राज्यों के प्रतिनिधि मंडल के साथ ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने कार्यशाला में अपने विचार साझा किए।